जगदीप धनखड़ ने भारत के उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए चुनाव की चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं इस चुनाव की पूरी प्रक्रिया के बारे में।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार शाम को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भी भेजा। अब जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद इस बात पर चर्चा लगातार जारी है कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और संविधान के मुताबिक, उन्हें चुने जाने की पूरी प्रक्रिया क्या होगी। इसके साथ ही जब तक उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता तब तक जगदीप धनखड़ अनुपस्थिति में राज्यसभा कौन संभालेगा?

जगदीप धनखड़ ने क्यों इस्तीफा दिया?
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के कारण अपने पद से इस्तीफा दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने लिखा- “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” आपको बता दें कि जगदीप धनखड़ अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बने थे और उनका कार्यकाल 2027 तक था। हाल ही में उपराष्ट्रपति धनखड़ की दिल्ली एम्स में एंजियोप्लास्टी हुई थी और इस वर्ष मार्च में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कब होगा नए उपराष्ट्रपति का चुनाव?
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव को जल्द से जल्द आयोजित कराना होगा। भारत के संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो में कहा गया है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या उन्हें पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव का आयोजन यथाशीघ्र किया जाएगा। चुनाव में निर्वाचित व्यक्ति अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच साल की अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि नए उपराष्ट्रपति का चुनाव वर्तमान में जारी संसद के मॉनसून सत्र में आयोजित कराया जा सकता है।
कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है। आपको बता दें कि इस प्रक्रिया में वोटर्स उम्मीदवारों को अपनी वरीयता के क्रम में रैंक करते हैं। वे अपनी पहली, दूसरी, तीसरी, और अन्य पसंदों को भी चुनते हैं। वोटरों में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं।

उपराष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी योग्यताएं?
- उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है।
- उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
- उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उम्मीदवार 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- उम्मीदवार राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए योग्य हो।
- उम्मीदवार भारत सरकार या राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण न करता हो।
चुनाव तक कौन संभालेगा जिम्मेदारी?
भारत के संविधान में इस बारे में कोई बात नहीं कही गई है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु या उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले इस्तीफा देने की स्थिति में या जब उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के रूप में काम कर रहे हो तो उनके कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा। हालांकि, संविधान में एकमात्र प्रावधान उपराष्ट्रपति के राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य के संबंध में है, जो रिक्ति की अवधि के दौरान उपसभापति या भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत राज्यसभा के किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जाता है।

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